अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद द्वारा आयोजित भगवा त्रिशूल यात्रा का पूर्ण मूर्ति कैंपस, kami road, सोनीपत में धूमधाम से स्वागत किया गया। इस अवसर पर ढोल-नगाड़ों और जयघोष के बीच श्रद्धालु और सनातन धर्म प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

यात्रा में छात्र-छात्राओं, धर्म प्रेमियों और श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और सनातन संस्कृति के संरक्षण का संकल्प लिया। आयोजन में विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री दीप सिंघल सिरसा, परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन डॉ. नवीन भास्कर और राष्ट्रीय प्रवक्ता दामिनी शाखा मौजूद रहे।

भगवा त्रिशूल यात्रा: सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण का प्रतीक

इस पावन अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि भगवा त्रिशूल यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इस आध्यात्मिक यात्रा का उद्देश्य धार्मिक स्थलों का संरक्षण और युवाओं को सनातन संस्कृति से जोड़ना है।

यात्रा के दौरान श्रद्धालु शिव भक्ति में लीन होकर भजन-कीर्तन और नृत्य करते नजर आए। इस कार्यक्रम ने उपस्थित लोगों में धार्मिक जागरूकता और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया।

प्रमुख आकर्षण:

भव्य स्वागत – ढोल-नगाड़ों और मंत्रोच्चार के साथ
विशेष पूजन एवं हवन – सनातन संस्कृति को समर्पित
धार्मिक नेतृत्व की उपस्थिति – आध्यात्मिक मार्गदर्शन
युवाओं की भागीदारी – धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूकता

निष्कर्ष

भगवा त्रिशूल यात्रा ने सनातन धर्म के महत्व और धार्मिक परंपराओं के संरक्षण को नए स्तर पर पहुंचाया। इस प्रकार के आयोजन समाज में आस्था और एकता को मजबूत करते हैं और युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का कार्य करते हैं।

सनातन धर्म की जय! हर हर महादेव! 

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